उत्तराखंड में बिजली चोरी और बकाया बिल न चुकाने वालों पर कड़ी कार्रवाई शुरू हो गई है। राज्य सरकार और बिजली विभाग ने मिलकर ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित करना शुरू कर दिया है, जहां बिजली चोरी के मामले अधिक हैं। बिजली विभाग ने साफ कर दिया है कि फ्री में बिजली इस्तेमाल करना अब आसान नहीं होगा। चोरी करने वालों और बकायेदारों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बिजली चोरी वाले क्षेत्रों की पहचान
बिजली विभाग ने उन इलाकों की पहचान शुरू कर दी है जहां बिजली चोरी के मामले आम हैं। बिजली विभाग का कहना है कि इन इलाकों में विशेष जांच अभियान चलाकर दोषियों को पकड़ने की योजना बनाई जा रही है। इसके तहत विभाग ने निर्देश दिया है कि बकाया बिल जमा न करने वाले उपभोक्ताओं को पहले चिह्नित किया जाए और उन्हें नोटिस जारी कर बकाया राशि की वसूली की जाए।
उपभोक्ताओं को मिलेगा पहले नोटिस और सूचना
सरकार का रुख उपभोक्ताओं को न्याय देने वाला है। कनेक्शन काटने से पहले उपभोक्ताओं को नोटिस जारी किया जाएगा। इसके साथ ही, उपभोक्ताओं को फोन के माध्यम से भी सूचित किया जाएगा ताकि वे बकाया बिल का भुगतान कर सकें। सरकार की इस पहल से यह स्पष्ट है कि कार्रवाई से पहले उपभोक्ताओं को पर्याप्त समय और अवसर दिया जाएगा।
बिजली चोरी पर सख्त कार्रवाई
बिजली चोरी को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार का मानना है कि बिजली चोरी न केवल राजस्व की हानि है, बल्कि यह अन्य ईमानदार उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ डालता है। इसीलिए, बिजली चोरी के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उत्तराखंड की बिजली नीति और उपभोक्ता हित
सरकार ने स्पष्ट किया है कि बिजली चोरी रोकने के लिए कानून को सख्त बनाया जाएगा। बिजली विभाग उपभोक्ताओं को समय पर बिल चुकाने के लिए प्रेरित करेगा और बकायेदारों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करेगा। साथ ही, राज्य सरकार ने Renewable Energy जैसे उपायों को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया है ताकि बिजली उत्पादन में सुधार हो और उपभोक्ताओं को निर्बाध आपूर्ति मिल सके।
घरेलू उपभोक्ताओं के लिए नियम और राहत
घरेलू उपभोक्ताओं को समय पर बिल जमा करने के लिए जागरूक किया जाएगा। हालांकि, सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि किसी उपभोक्ता के साथ अन्याय न हो। कनेक्शन काटने से पहले सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे ताकि उपभोक्ता को अपना पक्ष रखने का अवसर मिले।