2024 में केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए केंद्रीय बजट में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए, जिनका असर मुख्य रूप से वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान दिखाई देगा। ये बदलाव नौकरीपेशा लोगों, व्यवसायियों और निवेशकों के लिए एक नई दिशा तय कर सकते हैं। खासकर इनकम टैक्स से जुड़े नियमों में किए गए संशोधन, जो 2025 में रिटर्न फाइलिंग के दौरान प्रभावी रूप से लागू होंगे, आपके वेतन और कर अदायगी को सीधे प्रभावित करेंगे।
बदले हुए इनकम टैक्स नियम और उनका प्रभाव
2024 के बजट में कई ऐसे नियम पेश किए गए, जो वित्तीय वर्ष 2024-25 में लागू हो गए हैं। इनमें सबसे बड़ा बदलाव टीडीएस-TDS और टैक्स स्लैब के संदर्भ में देखने को मिला है। 2025 में इन बदलावों का प्रभाव साफ नजर आएगा, जब नौकरीपेशा लोग और अन्य करदाता अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करेंगे।
सरकार ने इनकम टैक्स नियमों में बदलाव करते हुए TDS की दर में कटौती की है। जहां पहले टीडीएस की दर 5% थी, अब इसे घटाकर 2% कर दिया गया है। ई-कॉमर्स-E-Commerce ऑपरेटरों के लिए टीडीएस रेट्स को 1% से कम कर 0.1% कर दिया गया है।
TDS में कटौती से नौकरीपेशा लोगों को राहत
टीडीएस में कटौती का सीधा असर वेतनभोगियों पर पड़ेगा। नए नियमों के तहत, आपकी तनख्वाह से कटने वाला टीडीएस कम हो सकता है। इसका मतलब है कि आपको हर महीने अपनी सैलरी में अधिक धनराशि मिलेगी। इसके अलावा, अन्य आय स्रोतों पर भी टीडीएस कटौती के नियम बदले गए हैं, जिससे आपकी कुल कर देनदारी घट सकती है।
कैपिटल गेन टैक्स में बदलाव
2024 के बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गैन-LTCG और शॉर्ट टर्म कैपिटल गैन-STCG के टैक्स रेट्स को भी संशोधित किया गया है।
- लॉन्ग टर्म कैपिटल गैन टैक्स अब 12.5% हो गया है।
- शॉर्ट टर्म कैपिटल गैन टैक्स जो पहले 15% था, अब बढ़कर 20% कर दिया गया है।
इन बदलावों का असर विशेष रूप से उन निवेशकों पर पड़ेगा, जो इक्विटी और म्युचुअल फंड्स में निवेश करते हैं।
NPS कटौती की सीमा बढ़ी
सरकारी कर्मचारियों के लिए नेशनल पेंशन स्कीम-NPS के तहत कटौती की सीमा 10% से बढ़ाकर 14% कर दी गई है। यह बदलाव सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ा लाभ साबित होगा, क्योंकि इससे उनके पेंशन फंड में अधिक योगदान हो सकेगा।
विदेश में पढ़ाई करने वाले बच्चों पर भी असर
जिनके बच्चे विदेश में पढ़ाई कर रहे हैं, उनके लिए TCS और TDS क्रेडिट को लेकर नए नियम 1 जनवरी 2025 से लागू होंगे। इन नियमों से करदाताओं के लिए क्रेडिट क्लेम की प्रक्रिया अधिक सुलभ हो जाएगी।
ई-कॉमर्स और इंश्योरेंस पर बदले नियम
ई-कॉमर्स ऑपरेटरों पर टीडीएस की दर को घटाकर 0.1% किया गया है। इसके अलावा, लाइफ इंश्योरेंस और लॉटरी पर टीडीएस दर को भी 5% से घटाकर 2% कर दिया गया है।
इन बदलावों का समग्र प्रभाव
इनकम टैक्स में किए गए ये बदलाव नौकरीपेशा लोगों, निवेशकों और व्यवसायियों के लिए राहत प्रदान कर सकते हैं। कम TDS और बढ़ी हुई कटौती सीमा से लोगों को अपनी आय पर अधिक नियंत्रण मिलेगा। हालांकि, कैपिटल गेन टैक्स में बढ़ोतरी से निवेशकों को अपनी रणनीतियों पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है।
Q1: 2025 में इनकम टैक्स के नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा किसे होगा?
A1: नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा नौकरीपेशा लोगों और सरकारी कर्मचारियों को होगा, क्योंकि टीडीएस कटौती में कमी और एनपीएस की सीमा बढ़ने से उनकी आय में वृद्धि होगी।
Q2: क्या कैपिटल गेन टैक्स बढ़ने से निवेशकों पर नकारात्मक असर पड़ेगा?
A2: हां, कैपिटल गेन टैक्स बढ़ने से इक्विटी और म्युचुअल फंड्स में निवेश करने वालों को अधिक टैक्स चुकाना पड़ेगा, जिससे निवेश पर रिटर्न थोड़ा कम हो सकता है।
Q3: TDS की नई दरें कब से लागू हुई हैं?
A3: TDS की नई दरें वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए लागू की गई हैं।
Q4: NPS की सीमा बढ़ने से क्या लाभ होगा?
A4: NPS की सीमा 10% से बढ़कर 14% होने से सरकारी कर्मचारियों की पेंशन में अधिक धनराशि जोड़ने का अवसर मिलेगा।
Q5: विदेश में पढ़ाई करने वाले बच्चों के लिए नए नियम क्या हैं?
A5: विदेश में पढ़ाई कर रहे बच्चों के लिए TCS और TDS क्रेडिट के नियम 1 जनवरी 2025 से लागू होंगे, जिससे करदाताओं के लिए टैक्स क्रेडिट क्लेम करना आसान हो जाएगा।
Q6: ई-कॉमर्स ऑपरेटरों के लिए टीडीएस की नई दरें क्या हैं?
A6: ई-कॉमर्स ऑपरेटरों के लिए टीडीएस की दर 1% से घटाकर 0.1% कर दी गई है।
Q7: क्या यह बदलाव निवेशकों के लिए सही हैं?
A7: निवेशकों के लिए कैपिटल गेन टैक्स में बढ़ोतरी एक चुनौती हो सकती है, लेकिन नौकरीपेशा लोगों और पेंशनधारकों के लिए यह राहतकारी साबित होगा।
Q8: क्या टीडीएस कटौती कम होने से वेतनभोगी करदाताओं को फायदा होगा?
A8: हां, टीडीएस कटौती कम होने से वेतनभोगी करदाताओं को हर महीने अधिक सैलरी प्राप्त होगी, जिससे उनकी आय बढ़ेगी।