पंजाब सरकार ने मृत पेंशनरों (Dead Pensioners) के खातों में पेंशन जाने की समस्या को खत्म करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने एम सेवा ऐप (M Sewa App) लॉन्च किया है, जो पेंशन वितरण प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाएगा। इस ऐप का मुख्य उद्देश्य मृत पेंशनरों की जानकारी समय पर रिकॉर्ड करना और उनकी पेंशन को रोकना है। जनवरी 2025 से राज्य में इस नई प्रणाली के तहत व्यापक पेंशन सर्वे (Pension Verification Drive) शुरू किया गया है।
एम सेवा ऐप: पेंशनरों की पहचान के लिए डिजिटल समाधान
एम सेवा ऐप एक विशेष डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो पेंशनरों की पहचान लाइव फोटो और अन्य विवरण के जरिए अपडेट करता है। इसके लिए आंगनवाड़ी वर्कर और सुपरवाइजर को इस काम में शामिल किया गया है। ये कर्मी गांवों में सर्वे कर पेंशनरों की स्थिति की पुष्टि करेंगे। एम सेवा ऐप की मदद से लाइव फोटो और संबंधित डेटा सीधे सिस्टम में अपलोड किए जाएंगे, जिससे अनियमितताओं को रोका जा सके।
12,581 गांवों में शुरू हुआ सर्वे
इस सर्वे प्रक्रिया की शुरुआत जनवरी 2025 में राज्य के 12,581 गांवों से की गई है। ग्रामीण इलाकों में पेंशनरों की पहचान की पुष्टि के बाद, यह प्रक्रिया शहरी क्षेत्रों में भी शुरु की जाएगी। शहरी इलाकों में स्वास्थ्य कर्मियों की मदद ली जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी पेंशनरों की जानकारी सही और समय पर दर्ज हो।
आंकड़ों में पेंशन फ्रॉड की स्थिति
पंजाब सरकार ने पाया कि 2022 से 2024 के बीच, मृत पेंशनरों के खातों में लगभग 138.78 करोड़ रुपये की पेंशन भेजी गई। इस अवधि में 1,39,836 पेंशनरों की मृत्यु हो चुकी थी, लेकिन उनकी जानकारी सरकार तक नहीं पहुंची। मृत पेंशनरों के खातों में पेंशन जाने से सरकारी खजाने पर भारी बोझ पड़ा और इस राशि की वसूली के लिए लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ा।
पारदर्शिता के लिए क्यों जरुरी है यह कदम?
पेंशन व्यवस्था में सुधार लाने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए यह कदम बेहद जरूरी था। मृतकों की पेंशन जारी रहने से सरकार के खजाने पर अनावश्यक बोझ पड़ता था। साथ ही, यह प्रक्रिया समय पर अपडेट नहीं होने से भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को बढ़ावा देती थी। एम सेवा ऐप की मदद से अब पेंशन वितरण प्रक्रिया को डिजिटल और पूरी तरह से पारदर्शी बनाया जा सकेगा।
आंगनवाड़ी वर्करों की महत्वपूर्ण भूमिका
पेंशन सर्वे में आंगनवाड़ी वर्कर और सुपरवाइजर की भूमिका बेहद अहम होगी। उन्हें एम सेवा ऐप का उपयोग करके पेंशनरों की पहचान और उनकी स्थिति की जानकारी जुटानी होगी। इस काम को प्रभावी बनाने के लिए सरकार ने इन कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया है। हर गांव में ये कर्मी जाकर पेंशनरों की पुष्टि करेंगे और ऐप के माध्यम से डेटा को तुरंत अपलोड करेंगे।
शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य कर्मियों का योगदान
ग्रामीण क्षेत्रों के बाद, शहरी इलाकों में भी पेंशनरों की जांच की जाएगी। शहरी इलाकों में स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों को यह जिम्मेदारी दी गई है। वे सुनिश्चित करेंगे कि पेंशनरों की पहचान सही हो और पेंशन उन्हीं लोगों को मिले जो इसके हकदार हैं।
डिजिटल प्लेटफॉर्म की ओर बढ़ता पंजाब
पंजाब सरकार का लक्ष्य है कि भविष्य में पूरी पेंशन प्रक्रिया को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर स्थानांतरित किया जाए। डिजिटल पेंशन प्रणाली (Digital Pension Process) से पेंशनरों का डेटा आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा। यह कदम न केवल पेंशन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाएगा, बल्कि भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को भी समाप्त करेगा।
पेंशन वितरण में सुधार का महत्व
इस नई व्यवस्था से सरकार को न केवल पेंशन वितरण प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी, बल्कि इससे सरकारी खजाने को भी बचाने में मदद मिलेगी। एम सेवा ऐप के जरिए पेंशनरों की स्थिति की सही जानकारी मिल सकेगी और जरूरतमंदों को ही पेंशन मिलेगी।