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Public Holiday: यूपी सरकार ने सार्वजनिक अवकाश किया घोषित, बंद रहेंगे स्कूल-कॉलेज और सरकारी दफ्तर

6 जनवरी को गुरु गोविंद सिंह जयंती पर उन्नाव में सार्वजनिक अवकाश घोषित, नगर कीर्तन और लंगर से सिख धर्म के संदेश समाज तक पहुंचाए जाएंगे। जानिए कैसे यह दिन भाईचारे, सेवा और साहस के मूल्यों को बढ़ावा देता है

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Public Holiday: यूपी सरकार ने सार्वजनिक अवकाश किया घोषित, बंद रहेंगे स्कूल-कॉलेज और सरकारी दफ्तर
Public Holiday: यूपी सरकार ने सार्वजनिक अवकाश किया घोषित, बंद रहेंगे स्कूल-कॉलेज और सरकारी दफ्तर

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में 6 जनवरी को गुरु गोविंद सिंह जयंती (Guru Gobind Singh Jayanti) के पावन अवसर पर सार्वजनिक अवकाश (Public Holiday) घोषित किया गया है। इस दिन सभी सरकारी कार्यालय, स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज द्वारा जारी अवकाश सूची के अनुसार यह अवकाश सोमवार को पड़ रहा है।

प्रभात फेरी और नगर कीर्तन की शुरुआत

गुरु गोविंद सिंह जयंती के अवसर पर गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा के मुख्य ग्रंथी बलविंदर सिंह ने जानकारी दी कि आज से प्रभात फेरी (Prabhat Pheri) का आयोजन शुरू हो गया है। यह आयोजन सुबह-सुबह सिख धर्म के अनुयायियों द्वारा धार्मिक भजनों और कीर्तन के साथ किया जाता है। 12 जनवरी को नगर कीर्तन (Nagar Kirtan) का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सिख समुदाय और अन्य श्रद्धालु शहर के प्रमुख मार्गों से होकर गुजरेंगे। इस नगर कीर्तन का उद्देश्य गुरु गोविंद सिंह के उपदेशों और सिख धर्म के संदेशों को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाना है।

14 जनवरी को लंगर का आयोजन

गुरुद्वारा प्रबंधन ने बताया कि 14 जनवरी को सामुदायिक सेवा के प्रतीक लंगर (Langar) का आयोजन किया जाएगा। यह लंगर समाज में भाईचारे और समरसता का संदेश देता है। इस आयोजन में सभी धर्मों और वर्गों के लोग हिस्सा ले सकते हैं। लंगर सिख परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो सेवा और समानता के मूल्यों पर आधारित है।

सिख धर्म के दसवें गुरु की प्रेरणादायक विरासत

गुरु गोविंद सिंह (Guru Gobind Singh) सिख धर्म के दसवें गुरु थे। उनका जन्म बिहार के पटना साहिब में हुआ था। उन्होंने सिख धर्म को एक नई पहचान दी और खालसा पंथ की स्थापना की। गुरु गोविंद सिंह ने मुगलों के अत्याचार के खिलाफ सिखों को संगठित किया और ‘पांच ककार’ – केश, कड़ा, कच्छा, कृपाण और कंघा – को सिख धर्म का अनिवार्य हिस्सा बनाया। उनके जीवन और संदेश सिख समुदाय और समग्र समाज के लिए प्रेरणादायक हैं।

नगर कीर्तन का मार्ग और सांस्कृतिक महत्व

नगर कीर्तन जुलूस (Nagar Kirtan Procession) गुरुद्वारे से शुरू होकर शहर के विभिन्न प्रमुख मार्गों से होकर गुजरता है। यह आयोजन सिख परंपराओं और समुदाय की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करता है। जुलूस में श्रद्धालु गुरबाणी का पाठ और कीर्तन करते हुए चलते हैं। यह धार्मिक आयोजन सिख धर्म के आध्यात्मिक मूल्यों और उनके समाज सुधारक दृष्टिकोण को रेखांकित करता है।

स्वास्थ्य सेवाएं और आपातकालीन सुविधाएं

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सत्य प्रकाश ने बताया कि सार्वजनिक अवकाश के बावजूद जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (Community Health Centers) में आपातकालीन सेवाएं 24 घंटे उपलब्ध रहेंगी। हालांकि, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और अन्य सरकारी कार्यालय इस दिन बंद रहेंगे। इससे यह सुनिश्चित किया गया है कि धार्मिक आयोजनों के दौरान चिकित्सा सेवाओं में कोई बाधा न हो।

गुरु गोविंद सिंह का जीवन और समाज को संदेश

गुरु गोविंद सिंह ने सिख धर्म की रक्षा और सामाजिक अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की, जो साहस, बलिदान और धर्म की रक्षा के मूल्यों पर आधारित है। उनके उपदेशों में मानवता, समानता और धर्म के प्रति निष्ठा के संदेश हैं।

समाज में एकता और सामूहिकता का संदेश

गुरु गोविंद सिंह जयंती पर आयोजित कार्यक्रम जैसे नगर कीर्तन और लंगर समाज में एकता और सामूहिकता का संदेश देते हैं। यह आयोजन सभी धर्मों और वर्गों को जोड़ने का प्रयास करते हैं। इस दिन के माध्यम से सिख समुदाय न केवल अपनी धार्मिक पहचान को मजबूत करता है, बल्कि समाज को भाईचारे और सेवा का संदेश भी देता है।

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