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Holidays: 13 -14 जनवरी को अवकाश घोषित! सरकारी कार्यालय, शैक्षणिक संस्थान और बैंको रहेंगे बंद, जानें किन राज्यों में रहेंगी छुट्टियां

सूर्य देवता की आराधना से लेकर पतंग उत्सव तक, जानिए इन त्योहारों का महत्व, सार्वजनिक अवकाश की घोषणा और भारतीय संस्कृति में इनकी भूमिका।

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Holidays: 13 -14 जनवरी को अवकाश घोषित! सरकारी कार्यालय, शैक्षणिक संस्थान और बैंको रहेंगे बंद, जानें किन राज्यों में रहेंगी छुट्टियां

भारत में जनवरी 2025 में पोंगल और मकर संक्रांति के अवसर पर विभिन्न राज्यों में सार्वजनिक अवकाश घोषित किए गए हैं। ये दोनों त्योहार भारतीय संस्कृति में गहरी धार्मिक और सामाजिक महत्ता रखते हैं। इन त्योहारों के दौरान देशभर में सांस्कृतिक कार्यक्रमों और पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन किया जाता है।

पोंगल: दक्षिण भारत का प्रमुख फसल उत्सव

पोंगल का महत्व

पोंगल दक्षिण भारत, विशेष रूप से तमिलनाडु में मनाया जाने वाला एक प्रमुख फसल उत्सव है। यह त्योहार नई फसल के आगमन की खुशी में मनाया जाता है और सूर्य देवता की पूजा का विशेष महत्व रखता है। पोंगल त्योहार चार दिनों तक चलता है और हर दिन का अपना अलग महत्व है:

  1. भोगी: घर की सफाई और नकारात्मकता को दूर करने का दिन।
  2. पोंगल: मुख्य दिन, जब चावल, दूध और गुड़ से बना ‘पोंगल’ व्यंजन सूर्य देवता को अर्पित किया जाता है।
  3. मट्टू पोंगल: गायों और बैलों की पूजा का दिन।
  4. कानुम पोंगल: सामाजिक मेल-मिलाप और परिवार के साथ समय बिताने का दिन।

अवकाश की घोषणा

तमिलनाडु और पुदुचेरी में 13 जनवरी 2025 को पोंगल के उपलक्ष्य में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। इस दिन सभी सरकारी कार्यालय, स्कूल, और बैंक बंद रहेंगे।

मकर संक्रांति: सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का पर्व

मकर संक्रांति का महत्व

मकर संक्रांति भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नामों और परंपराओं के साथ मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का प्रतीक है और सर्दियों के अंत के साथ वसंत ऋतु के आगमन का संदेश देता है।

परंपराएं और रीति-रिवाज

  • स्नान और दान: इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व है।
  • तिल-गुड़ मिठाइयां: तिल और गुड़ से बनी मिठाइयों का आदान-प्रदान सौहार्द का प्रतीक है।
  • पतंग उत्सव: गुजरात और राजस्थान में पतंग उड़ाने का विशेष उत्सव होता है।
  • खिचड़ी उत्सव: उत्तर भारत में ‘खिचड़ी’ बनाकर खाने और बांटने की परंपरा है।

अवकाश की घोषणा

14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति के अवसर पर अरुणाचल प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, उड़ीसा, सिक्किम और तेलंगाना में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। इन राज्यों में भी सभी सरकारी और निजी संस्थान बंद रहेंगे।

त्योहारों का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व

पोंगल की विशेषता

पोंगल किसानों और ग्रामीण समुदायों के लिए विशेष महत्व रखता है। यह उत्सव उनकी मेहनत और फसल की उपज का उत्सव है। त्योहार के दौरान लोग अपने घरों को साफ-सुथरा करते हैं, रंगोली बनाते हैं और पारंपरिक व्यंजन तैयार करते हैं। गायों और बैलों की पूजा कर उन्हें आभार व्यक्त किया जाता है।

मकर संक्रांति की व्यापकता

मकर संक्रांति का जश्न देश के हर कोने में अपनी विशिष्ट शैली में मनाया जाता है। यह त्योहार न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक रूप से भी लोगों को जोड़ने का माध्यम है। दान, मिठाइयों का आदान-प्रदान और सामूहिक कार्यक्रम सामाजिक समरसता को बढ़ावा देते हैं।

नागरिकों के लिए सूचना

इन त्योहारों के अवसर पर संबंधित राज्यों की सरकारों ने सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है। नागरिकों से अनुरोध है कि वे इन तिथियों को ध्यान में रखते हुए अपने कार्यों की योजना बनाएं। विस्तृत जानकारी के लिए संबंधित राज्य सरकारों की आधिकारिक अधिसूचनाएं देखें।

समरसता और परंपराओं का प्रतीक

पोंगल और मकर संक्रांति भारतीय समाज की विविधता और एकता का प्रतीक हैं। इन पर्वों के माध्यम से लोग न केवल अपनी परंपराओं को जीवित रखते हैं बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक संबंधों को भी मजबूत करते हैं।

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