सर्दी के सितम ने बिहार के कई जिलों में जनजीवन को प्रभावित किया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, 2 जनवरी 2025 को डेहरी और बांका में न्यूनतम तापमान 4.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो राज्य के सबसे ठंडे स्थान रहे। ठंड के प्रकोप को देखते हुए राज्य के विभिन्न जिलों में स्कूलों के समय में बदलाव किया गया है। जिला प्रशासन ने पटना में 6 जनवरी तक स्कूलों के लिए नई समय सारिणी लागू की है।
बिहार में न्यूनतम तापमान की स्थिति
मौसम विभाग के अनुसार, बिहार के विभिन्न जिलों में तापमान में गिरावट देखी गई है। डेहरी और बांका में जहां पारा 4.4 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया, वहीं औरंगाबाद में 6.7 डिग्री, बक्सर में 7.1 डिग्री और भागलपुर में 7.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। गया और अरवल का तापमान 7.8 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि वैशाली 8.4 डिग्री, सहरसा 8.5 डिग्री और सीतामढ़ी में 8.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
पटना में ठंड का असर और कोहरे की स्थिति
पटना में आज न्यूनतम तापमान 10.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। कोहरे की वजह से दृश्यता काफी कम रही, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ। मौसम विभाग ने अगले तीन से चार दिनों में तापमान 6-11 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना जताई है।
स्कूल टाइमिंग में बदलाव: नई समय सारिणी
ठंड के चलते पटना जिला प्रशासन ने 2 जनवरी से 6 जनवरी तक स्कूलों की टाइमिंग में बदलाव किया है। एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि इस दौरान सभी निजी और सरकारी स्कूलों, प्री-स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्र और कोचिंग सेंटर सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक ही संचालित होंगे।
बच्चों की सुरक्षा के लिए कदम
जिला प्रशासन के इस फैसले का उद्देश्य बच्चों को ठंड से बचाना है। खासकर सुबह के समय जब तापमान सबसे कम होता है और कोहरे की वजह से विजिबिलिटी प्रभावित होती है, स्कूलों का संचालन सुरक्षित बनाना प्राथमिकता है।
बिहार में ठंड का पूर्वानुमान
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिनों में बिहार में ठंड और कोहरा बढ़ सकता है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में न्यूनतम तापमान में गिरावट जारी रहेगी। यह बदलाव ठंड से निपटने के लिए एहतियाती कदमों को दर्शाता है।
ठंड से बचने के उपाय
इस मौसम में बच्चों और बुजुर्गों को खास सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। गर्म कपड़े पहनें, बाहर निकलने से बचें और घर पर ही गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें। स्कूलों के समय में बदलाव के साथ ही शिक्षकों और अभिभावकों से अनुरोध किया गया है कि बच्चों को आवश्यक सुरक्षा प्रदान करें।