कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स (सीजीईडब्ल्यू) के महासचिव एसबी यादव ने हाल ही में एक पत्र के माध्यम से केंद्र सरकार से पेंशन कम्युटेशन के बहाली की अवधि को 15 वर्ष से घटाकर 12 वर्ष करने की मांग की है। उनके द्वारा उठाई गई यह मांग एक नई कम्युटेशन तालिका के निर्माण की आवश्यकता पर भी जोर देती है, जो केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए लाभकारी हो। उन्होंने इस मांग के समर्थन में यह भी कहा कि पिछले 38 वर्षों में कम्युटेशन तालिका के कई पैरामीटर में बदलाव हुए हैं, जिनके कारण कर्मचारियों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
एसबी यादव का कहना है कि वर्तमान पेंशन कम्युटेशन तालिका में कई महत्वपूर्ण पहलुओं में समय के साथ परिवर्तन नहीं हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले तीन दशकों में केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की आर्थिक स्थिति में काफी बदलाव आया है। इसके परिणामस्वरूप, पेंशन पुनः बहाल करने की प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता महसूस की जा रही है। विशेष रूप से, पेंशन का कम्युटेशन लाभ कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उनकी सेवानिवृत्ति के समय तत्काल वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
कॉन्फेडरेशन के महासचिव एसबी यादव ने कैबिनेट सचिव को पत्र भेजकर पेंशन कम्युटेशन तालिका की समीक्षा और सुधार करने की अपील की है। उनका कहना है कि कम्युटेशन तालिका में संशोधन से पेंशनधारियों को अधिक लाभ मिलेगा और उनकी वित्तीय स्थिति मजबूत होगी। यह कदम सरकार द्वारा पेंशनभोगियों के कल्याण के लिए उठाया जा सकता है, जिससे उनकी जीवनस्तर में सुधार होगा।
इस मुद्दे पर न केवल केंद्रीय कर्मचारी संघों बल्कि राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) के कर्मचारी पक्ष ने भी सरकार से इस परिवर्तन की मांग की है। जेसीएम का कर्मचारी पक्ष यह चाहता है कि सरकार पेंशन के कम्युटेशन की बहाली की अवधि में बदलाव करे, ताकि पेंशनधारियों को समय पर अधिक वित्तीय मदद मिल सके। कई केंद्रीय कर्मचारियों का मानना है कि पेंशन कम्युटेशन की अवधि को 12 वर्ष करना उनके लिए फायदेमंद होगा, जिससे उन्हें ज्यादा वित्तीय राहत मिलेगी।
पेंशन कम्युटेशन क्या है?
पेंशन कम्युटेशन का अर्थ है कि सेवानिवृत्त कर्मचारी अपनी मासिक पेंशन का एक हिस्सा एकमुश्त राशि के रूप में प्राप्त करता है। यह एक प्रकार का अग्रिम भुगतान होता है, जिसे कर्मचारी अपने सेवा काल के दौरान पेंशन के साथ प्राप्त करता है। हालांकि, इस राशि का पुनः बहाली के लिए एक निर्धारित समय होता है। वर्तमान में यह अवधि 15 वर्ष है, लेकिन कर्मचारियों का कहना है कि इसे घटाकर 12 वर्ष किया जाए।
पेंशन कम्युटेशन की बहाली में क्यों बदलाव की आवश्यकता है?
पिछले 38 वर्षों के दौरान पेंशन कम्युटेशन तालिका के कई पैरामीटर बदल चुके हैं। इससे कर्मचारियों और पेंशनधारियों को वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ा है। एसबी यादव का कहना है कि इन बदलावों को ध्यान में रखते हुए कम्युटेशन तालिका को अपडेट किया जाना चाहिए ताकि यह कर्मचारियों के लिए अधिक उपयुक्त हो। इसके साथ ही, 15 साल की बहाली अवधि को घटाकर 12 साल करना कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत हो सकता है।
केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की उम्मीदें
केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनभोगी इस बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं। उनका मानना है कि यह कदम उनकी वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाएगा और उन्हें पेंशन कम्युटेशन से अधिक लाभ प्राप्त होगा। कर्मचारी संघों का कहना है कि सरकार यदि इस बदलाव को स्वीकार करती है, तो यह केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक बहुत बड़ा लाभ होगा और उनकी सेवानिवृत्ति के बाद की जीवनशैली में सुधार होगा।
क्या सरकार इस बदलाव को स्वीकार करेगी?
केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुका है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि केंद्र सरकार इस पर क्या निर्णय लेती है। यदि सरकार इस मांग को स्वीकार करती है, तो इससे लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को फायदा होगा। यह पेंशनधारियों के जीवन स्तर को सुधारने में मदद करेगा और उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सुरक्षा प्रदान करेगा।