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अब राशन लेने के लिए नहीं लगानी पड़ेगी लाइन, सरकार ने बनाया नया सिस्टम

झारखंड सरकार फरवरी 2025 से लॉन्च करेगी 4जी ई-पॉस मशीनें, जो राशन वितरण को बनाएंगी तेज और पारदर्शी। जानिए कैसे 63.72 करोड़ की इस योजना से खत्म होगी धांधली और सुदूर क्षेत्रों में मिलेगी बेहतर सेवा

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अब राशन लेने के लिए नहीं लगानी पड़ेगी लाइन, सरकार ने बनाया नया सिस्टम
अब राशन लेने के लिए नहीं लगानी पड़ेगी लाइन, सरकार ने बनाया नया सिस्टम

झारखंड सरकार ने जन वितरण प्रणाली (PDS) को और अधिक पारदर्शी और तेज बनाने के उद्देश्य से बड़ा कदम उठाया है। राज्यभर में 25,000 पीडीएस डीलरों को 4जी आधारित ई-पॉस (E-PoS) मशीनें उपलब्ध कराई जाएंगी। यह नई प्रणाली फरवरी 2025 से लागू होगी, जिससे राशन वितरण प्रक्रिया में सुधार होगा और लाभुकों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।

2.84 करोड़ लाभुकों को मिलेगा लाभ

झारखंड में वर्तमान में 2.84 करोड़ लोग राशन योजना का लाभ उठा रहे हैं। इनमें से 2.64 करोड़ लाभुक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत आते हैं, जबकि 20.29 लाख झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभान्वित हो रहे हैं। नई 4जी ई-पॉस मशीनों के माध्यम से इन लाभुकों को तेजी और पारदर्शिता के साथ सेवाएं उपलब्ध होंगी।

4G E-PoS Machines का महत्व

नई 4जी ई-पॉस मशीनें आधार आधारित बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण में सहायक होंगी, जिससे राशन वितरण में पारदर्शिता बढ़ेगी। यह मशीनें विशेष रूप से सुदूरवर्ती और ग्रामीण क्षेत्रों में वितरण प्रक्रिया को सुगम बनाएंगी। इसके अलावा, धांधली और गड़बड़ियों पर प्रभावी रोक लगाने में यह मशीनें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

फरवरी 2025 से लागू होगी नई व्यवस्था

फरवरी 2025 से 4जी ई-पॉस मशीनों की नई व्यवस्था लागू की जाएगी। इसके लिए झारखंड सरकार के खाद्य, सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता मामले विभाग को कैबिनेट से 63.72 करोड़ रुपये की मंजूरी मिल चुकी है। इसके अलावा, इन मशीनों के रखरखाव पर हर साल 28.67 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

राशन वितरण में पारदर्शिता और सुविधा

नई ई-पॉस मशीनों के आने से लाभुकों को लंबी कतारों और तकनीकी समस्याओं से निजात मिलेगी। साथ ही, समय पर राशन वितरण सुनिश्चित किया जाएगा। यह कदम वितरण प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने और लाभुकों के अनुभव को बेहतर बनाने में मदद करेगा।

टेंडर प्रक्रिया के लिए तैयारियां

4जी ई-पॉस मशीनों की खरीद और रखरखाव के लिए सरकार ने टेंडर प्रक्रिया को अंतिम रूप दे दिया है। जेम पोर्टल, एनईएमएल और ई-झारखंड टेंडर प्रक्रियाओं के माध्यम से एजेंसियों का चयन किया जाएगा। इस प्रक्रिया में मशीनों की मेंटेनेंस सेवाओं का भी ध्यान रखा जाएगा, ताकि मशीनें लगातार प्रभावी तरीके से काम कर सकें।

पशुओं के लिए आश्रय स्थलों की योजना

राष्ट्रीय राजमार्गों पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए, NHAI ने बेसहारा पशुओं के लिए आश्रय स्थलों की योजना बनाई है। यह पहल न केवल सड़क दुर्घटनाओं को कम करेगी, बल्कि बेसहारा पशुओं की सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगी।

स्वास्थ्य क्षेत्र में सुपर स्पेशलिटी सेवाओं का विस्तार

झारखंड सरकार स्वास्थ्य सेवाओं में भी बड़ा बदलाव कर रही है। धनबाद और जमशेदपुर में सुपर स्पेशलिटी सुविधाएं शुरू की जाएंगी। न्यूरो सर्जरी, कार्डियोलॉजी और ऑन्कोलॉजी जैसी सेवाएं आयुष्मान भारत योजना के तहत संचालित होंगी। यह पहल झारखंड में स्वास्थ्य सेवाओं के स्तर को नई ऊंचाई तक ले जाएगी।

4जी ई-पॉस मशीनों के लाभ

4जी ई-पॉस मशीनों के माध्यम से झारखंड सरकार राशन वितरण को और अधिक कुशल और पारदर्शी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसका उद्देश्य न केवल वितरण प्रक्रिया को तेज करना है, बल्कि आधार आधारित प्रमाणीकरण से धोखाधड़ी को भी समाप्त करना है।

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