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फिर से लगेगा Lockdown? HMPV वायरस को लेकर सरकार की चेतावनी, जानें क्या है पूरा मामला

भारत में HMPV (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) के मामलों में अचानक वृद्धि से लोगों में घबराहट फैल गई है। क्या यह वायरस कोविड-19 जैसा प्रकोप उत्पन्न कर सकता है? जानें विशेषज्ञों की राय, वायरस के लक्षण और इससे बचने के आसान तरीके। क्या हमें लॉकडाउन की चिंता करनी चाहिए? पढ़ें पूरी रिपोर्ट

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फिर से लगेगा Lockdown? HMPV वायरस को लेकर सरकार की चेतावनी, जानें क्या है पूरा मामला
फिर से लगेगा Lockdown? HMPV वायरस को लेकर सरकार की चेतावनी, जानें क्या है पूरा मामला

हाल ही में भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के तीन मामलों की पुष्टि हुई है। इनमें से दो मामले बेंगलुरु और एक अहमदाबाद से सामने आए हैं। ये मामले शिशुओं में पाए गए हैं, जिनमें से एक को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। यह वायरस श्वसन संबंधित बीमारियां उत्पन्न करता है, जिनमें बुखार, खांसी और गले में खराश जैसी सामान्य सर्दी के लक्षण होते हैं। हालांकि, चिकित्सक और स्वास्थ्य अधिकारी इसे लेकर कोई गंभीर चिंता नहीं व्यक्त कर रहे हैं, क्योंकि यह वायरस नया नहीं है और पहले से ही भारत में प्रचलन में है।

HMPV वायरस के बारे में जानिए

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) एक वायरस है जो न्यूमोविरिडे परिवार से संबंधित है और यह रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (RSV) से जुड़ा हुआ है। इस वायरस की खोज 2001 में हुई थी, और यह खासतौर पर शिशुओं, वृद्धों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों में जल्दी फैलता है। HMPV के लक्षण सामान्य सर्दी और फ्लू जैसे होते हैं, जिनमें बुखार, खांसी, गले में खराश, नाक बंद या बहना शामिल हैं। हालांकि, गंभीर मामलों में सांस लेने में कठिनाई भी हो सकती है।

HMPV के मामले बढ़ने से हड़कंप

चीन में HMPV के प्रकोप की खबरें सामने आने के बाद से सोशल मीडिया पर #लॉकडाउन (#Lockdown) ट्रेंड करने लगा। लोग इस वायरस के फैलने को लेकर चिंतित हो गए हैं और इसकी तुलना 2019-2020 में चीन में आए COVID-19 प्रकोप से करने लगे हैं। जैसे कि COVID-19 ने वैश्विक महामारी का रूप लिया, वैसे ही HMPV को लेकर भी ऐसी ही आशंका जताई जा रही है। हालांकि, इस संबंध में भारत सरकार और चिकित्सा अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि HMPV कोई नया वायरस नहीं है और यह पहले से ही भारत सहित कई देशों में प्रचलन में है।

भारत में HMPV के मामले और स्थिति

भारत में HMPV का यह पहला मामला नहीं है, बल्कि यह वायरस पहले भी विभिन्न देशों में पाया गया है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) नेटवर्क के अनुसार, देश में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (ILI) या गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (SARI) के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई है। बेंगलुरु में HMPV के दो मामलों का पता चलने के बाद, कर्नाटक के चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. शरण प्रकाश ने यह कहा कि स्थिति चिंताजनक नहीं है और लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है।

चिकित्सा अधिकारियों का बयान

स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) के अधिकारी डॉ. अतुल गोयल ने भी इस वायरस को लेकर लोगों को आश्वस्त किया। उन्होंने कहा कि HMPV किसी अन्य श्वसन वायरस की तरह है, जो सामान्य सर्दी और फ्लू जैसे लक्षण उत्पन्न करता है। यह वायरस विशेष रूप से वृद्ध और छोटे बच्चों में अधिक प्रभावी हो सकता है। एम्स के सामुदायिक चिकित्सा केंद्र के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. हर्षल आर. साल्वे ने कहा कि भारत की अधिकांश आबादी ने इस वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर ली है, जिससे गंभीर बीमारी की संभावना बहुत कम है।

HMPV से सुरक्षा के उपाय

हालांकि HMPV के लिए कोई विशिष्ट एंटीवायरल दवा या टीका उपलब्ध नहीं है, लेकिन इसके प्रसार को रोकने के लिए कुछ सामान्य सुरक्षा उपायों का पालन किया जा सकता है। चिकित्सक सलाह देते हैं कि लोग खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को रूमाल या टिशू पेपर से ढकें। इसके साथ ही बार-बार हाथ धोने और सार्वजनिक स्थानों पर बीमार लोगों से दूर रहने की भी सलाह दी जाती है। इसके अलावा, पर्याप्त वेंटिलेशन बनाए रखना और पौष्टिक आहार लेना भी महत्वपूर्ण है।

HMPV के लक्षण और उपचार

HMPV के हल्के मामलों में आराम, पर्याप्त जलयोजन और बुखार या नाक की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए ओवर-द-काउंटर दवाएं पर्याप्त हैं। गंभीर मामलों में अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता हो सकती है। वर्तमान में, HMPV के लिए कोई विशिष्ट एंटीवायरल उपचार उपलब्ध नहीं है, और चिकित्सा प्रक्रिया मुख्य रूप से सहायक होती है।

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