साल 2024 में भारत समेत दुनिया भर में प्रॉपर्टी मार्केट ने ऊंचाइयां देखीं। कई शहरों में प्रॉपर्टी की कीमतें दोगुनी या तीनगुनी हो गईं। भारत में जहां लोग प्रॉपर्टी खरीदने के लिए ज्यादा दाम चुकाने को तैयार थे, वहीं अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में प्रॉपर्टी के दाम औंधे मुंह गिर गए। यह खबर प्रॉपर्टी बाजार के लिए किसी झटके से कम नहीं है। सैन फ्रांसिस्को में करोड़ों की प्रॉपर्टी आधे दामों में बिक रही है।
सैन फ्रांसिस्को में 9 करोड़ की प्रॉपर्टी 5 करोड़ में बिकी
आमतौर पर जब आप किसी प्रॉपर्टी को खरीदने की योजना बनाते हैं, तो बाजार के रेट के मुताबिक कीमत चुकाने की तैयारी करते हैं। लेकिन सैन फ्रांसिस्को में ऐसा उल्टा देखने को मिला। यहां पर 9 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी केवल 5 करोड़ रुपये में बेची गई। प्रॉपर्टी रेट्स में यह गिरावट न सिर्फ चौंकाने वाली है, बल्कि इसके पीछे कई गंभीर वजहें भी छिपी हुई हैं।
क्यों गिर रहे हैं सैन फ्रांसिस्को में प्रॉपर्टी के दाम?
सैन फ्रांसिस्को में प्रॉपर्टी की कीमतों में आई गिरावट का सबसे बड़ा कारण टेक सेक्टर में लेऑफ और आर्थिक मंदी है। कोरोना महामारी के बाद से ही यहां नौकरियों में कटौती तेज हुई है। बड़े पैमाने पर हुए लेऑफ ने लोगों को अपनी प्रॉपर्टी बेचने और शहर छोड़ने पर मजबूर कर दिया है।
SFGATE की रिपोर्ट के अनुसार, प्रॉपर्टी के दाम अब 2015 के स्तर पर आ गए हैं। यह स्थिति इसलिए बनी क्योंकि बेरोजगार हुए लोगों के पास अपनी संपत्ति बनाए रखने के साधन खत्म हो गए और उन्होंने कम कीमतों पर प्रॉपर्टी बेचनी शुरू कर दी।
सैन फ्रांसिस्को की ‘गोल्डन सिटी’ का बदलता स्वरूप
सैन फ्रांसिस्को को अमेरिका की ‘गोल्डन सिटी’ कहा जाता था। यह शहर न सिर्फ अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए, बल्कि महंगे घरों और हाई-प्रोफाइल रियल एस्टेट के लिए भी मशहूर था। लेकिन अब स्थिति बदली हुई है। यहां की महंगी प्रॉपर्टीज का आकर्षण खत्म हो गया है और लोग सस्ते घरों की तलाश में दूसरे शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं।
2015 के प्रॉपर्टी रेट पर पहुंचा बाजार
सैन फ्रांसिस्को में प्रॉपर्टी रेट्स में गिरावट इतनी तेज रही है कि यह सीधे 2015 के स्तर पर पहुंच गई है। पिछले एक दशक में जहां बाकी शहरों में प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ीं, वहीं सैन फ्रांसिस्को के बाजार ने उलटी दिशा पकड़ी।
टेक सेक्टर की मंदी और बेरोजगारी
सैन फ्रांसिस्को में टेक कंपनियों के लेऑफ ने इस गिरावट को तेज किया। बड़ी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को निकालकर लागत में कटौती की। इसका सीधा असर रियल एस्टेट बाजार पर पड़ा। नौकरी गंवाने वाले लोगों के लिए प्रॉपर्टी का खर्च वहन करना मुश्किल हो गया और उन्होंने अपने घर सस्ते दामों पर बेच दिए।
क्या सैन फ्रांसिस्को की स्थिति बदल सकती है?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति लंबे समय तक रह सकती है। जब तक यहां की अर्थव्यवस्था और टेक सेक्टर में सुधार नहीं होगा, तब तक प्रॉपर्टी रेट्स में स्थिरता आना मुश्किल है। हालांकि, कुछ लोग इसे निवेश के लिहाज से अच्छा अवसर मानते हैं।
भारत में प्रॉपर्टी मार्केट पर प्रभाव
हालांकि यह स्थिति भारत से अलग है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय प्रॉपर्टी बाजार का असर भारतीय बाजार पर भी हो सकता है। भारत में रिन्यूएबल एनर्जी, इंफ्रास्ट्रक्चर और मेट्रोपॉलिटन शहरों में प्रॉपर्टी की मांग बढ़ने से कीमतें स्थिर बनी हुई हैं।