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CIBIL स्कोर पर RBI के नए नियम, डिफॉल्टर ग्राहकों के लिए बड़ी खबर, जानें क्या होगा असर

RBI ने ग्राहकों को बड़ी राहत देते हुए CIBIL स्कोर से जुड़े नियमों में बदलाव किए हैं। अब बैंक डिफॉल्टर ग्राहकों को पहले सूचित करेंगे और साल में एक बार मुफ्त क्रेडिट रिपोर्ट का अधिकार मिलेगा। जानें कैसे ये नियम आपकी क्रेडिट रिपोर्ट को सुधारने में मदद करेंगे

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CIBIL स्कोर पर RBI के नए नियम, डिफॉल्टर ग्राहकों के लिए बड़ी खबर, जानें क्या होगा असर
CIBIL स्कोर पर RBI के नए नियम, डिफॉल्टर ग्राहकों के लिए बड़ी खबर, जानें क्या होगा असर

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने CIBIL स्कोर से जुड़े नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिससे बैंक और वित्तीय संस्थानों की पारदर्शिता बढ़ेगी और ग्राहकों को अधिक अधिकार मिलेंगे। ये बदलाव ग्राहकों को उनके क्रेडिट स्कोर सुधारने के अवसर प्रदान करते हैं और वित्तीय निर्णय लेने में सहायक होते हैं।

CIBIL स्कोर की जांच से पहले ग्राहकों को सूचित करना अनिवार्य

आरबीआई के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, बैंक और वित्तीय संस्थान अब डिफॉल्टर ग्राहकों की जानकारी CIBIL को भेजने से पहले उन्हें सूचित करेंगे। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि ग्राहक अपनी क्रेडिट रिपोर्ट को खराब होने से पहले सुधारने के लिए आवश्यक कदम उठा सकें।

जब भी कोई कंपनी किसी ग्राहक का CIBIL स्कोर चेक करती है, तो उन्हें ग्राहक को ईमेल या SMS के माध्यम से इसकी जानकारी देनी होगी। इससे ग्राहकों को अपने वित्तीय स्वास्थ्य पर नजर रखने का बेहतर अवसर मिलेगा।

मुफ्त क्रेडिट रिपोर्ट का अधिकार

आरबीआई ने यह भी सुनिश्चित किया है कि सभी ग्राहक हर साल अपनी पूरी क्रेडिट रिपोर्ट एक बार मुफ्त में प्राप्त कर सकें। यह नियम 26 अप्रैल 2024 से लागू हो चुका है। ग्राहक इस रिपोर्ट के माध्यम से अपने क्रेडिट स्कोर की स्थिति समझ सकते हैं और अगर कोई त्रुटि हो, तो उसे सही करवाने की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।

शिकायतों का त्वरित समाधान और जुर्माने का प्रावधान

आरबीआई के निर्देशों के अनुसार, अगर किसी ग्राहक को CIBIL स्कोर से संबंधित कोई शिकायत होती है, तो संबंधित कंपनी को 30 दिनों के भीतर उस शिकायत का समाधान करना होगा। ऐसा न करने पर कंपनी को प्रतिदिन ₹100 का जुर्माना देना होगा। इसके अलावा, ऋणदाताओं को ग्राहकों को 21 दिनों के भीतर और क्रेडिट ब्यूरो को 9 दिनों के भीतर सूचित करना अनिवार्य होगा।

ग्राहकों की शिकायतों का समाधान और पारदर्शिता

कई शिकायतों के बाद आरबीआई ने यह कदम उठाया है, जिससे क्रेडिट स्कोर की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी हो सके। क्रेडिट संस्थानों को ग्राहक के क्रेडिट स्कोर सुधारने के अनुरोध को अस्वीकार करने के स्पष्ट कारण बताने होंगे। इससे ग्राहक समझ सकेंगे कि उनके स्कोर में सुधार के लिए किन बातों पर ध्यान देना आवश्यक है।

क्रेडिट रेटिंग सुधारने की जानकारी प्रदान करना

बैंकों और NBFC को अब ग्राहकों को क्रेडिट रेटिंग सुधारने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्रदान करनी होगी। यह जानकारी SMS या ईमेल के माध्यम से दी जा सकती है। यह कदम क्रेडिट ब्यूरो जैसे क्रिसिल, CIBIL और अन्य पर भी लागू होता है।

नए नियम 2025 से लागू होंगे

आरबीआई ने यह भी घोषणा की है कि 2025 से लागू होने वाले नए नियमों के तहत, ग्राहकों को अपनी क्रेडिट रिपोर्ट और लोन आवेदन के संबंध में अधिक पारदर्शिता और स्पष्टता मिलेगी।

ग्राहकों के लिए यह क्यों है महत्वपूर्ण?

इन नए नियमों का उद्देश्य ग्राहकों को उनके वित्तीय स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूक बनाना और गलतफहमी से बचाना है। यह प्रणाली ग्राहकों को अपनी क्रेडिट रिपोर्ट पर नियंत्रण देने और वित्तीय संस्थानों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन की गई है।

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