ताजा खबर

मां-बाप के हक में बड़ा फैसला! बच्चों ने किया यू-टर्न तो लौटानी होगी प्रॉपर्टी

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश: अब माता-पिता को नजरअंदाज करने पर संपत्ति और गिफ्ट लौटाने होंगे। जानिए कैसे यह नया कानून बुजुर्गों के जीवन में बदलाव ला सकता है और बच्चों को सिखा सकता है कर्तव्य का पाठ

Published on
मां-बाप के हक में बड़ा फैसला! बच्चों ने किया यू-टर्न तो लौटानी होगी प्रॉपर्टी
मां-बाप के हक में बड़ा फैसला! बच्चों ने किया यू-टर्न तो लौटानी होगी प्रॉपर्टी

नई दिल्ली: बुजुर्ग माता-पिता की संपत्ति (Property) या गिफ्ट (Gift) लेकर उन्हें उनके हाल पर छोड़ देने वाले बच्चों के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा और ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। अब ऐसा करना बच्चों को भारी पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि माता-पिता से संपत्ति और गिफ्ट लेकर उनकी देखभाल नहीं करने वाले बच्चों को वह संपत्ति और गिफ्ट वापस लौटाने होंगे। इस फैसले से साफ हो गया है कि बच्चों को हर हाल में अपने बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल करनी होगी। वरिष्ठ नागरिकों (Senior Citizens) की भलाई के लिए यह फैसला बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा।

माता-पिता की देखभाल में विफल रहने पर प्रॉपर्टी ट्रांसफर रद्द

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह स्पष्ट किया है कि अगर बच्चे अपने माता-पिता की देखभाल नहीं करते, तो माता-पिता द्वारा दी गई संपत्ति और गिफ्ट वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम (Welfare of the Parents and Senior Citizens Act) के तहत रद्द किए जा सकते हैं। इस अधिनियम के तहत माता-पिता अपनी दी हुई संपत्ति और गिफ्ट वापस पा सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि यह कदम बुजुर्गों के हितों की रक्षा के लिए आवश्यक है।

बच्चों का माता-पिता की देखभाल करना अनिवार्य

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि संपत्ति और गिफ्ट ट्रांसफर में अब शर्त शामिल की जाएगी। शर्त यह होगी कि माता-पिता का ख्याल रखना होगा और उनकी जरूरतों को पूरा करना होगा। अगर बच्चे इन शर्तों का पालन नहीं करते हैं, तो प्रॉपर्टी ट्रांसफर को शून्य घोषित कर दिया जाएगा।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए बड़ी राहत

आमतौर पर देखा गया है कि बच्चे माता-पिता से संपत्ति और गिफ्ट प्राप्त करने के बाद उन्हें नजरअंदाज कर देते हैं। कई बुजुर्गों को अपने हाल पर छोड़ दिया जाता है। इस फैसले से उम्मीद है कि अब बच्चे अपने माता-पिता का ध्यान रखेंगे और उनके साथ अच्छा व्यवहार करेंगे।

बुजुर्गों के अधिकारों की सुरक्षा

वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए यह फैसला एक बड़ा कदम है। इससे उन माता-पिता को राहत मिलेगी जो अपने बच्चों से अनदेखी का सामना करते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी सुनिश्चित किया है कि अब संपत्ति के ट्रांसफर में बच्चों के कर्तव्यों को अनदेखा नहीं किया जाएगा।

संपत्ति और गिफ्ट लौटाने का आदेश

अगर बच्चे माता-पिता की देखभाल करने में असफल रहते हैं, तो उनके पास से वह संपत्ति और गिफ्ट वापस ले लिए जाएंगे। माता-पिता को यह अधिकार होगा कि वे संपत्ति और गिफ्ट की वापसी के लिए कानूनी कदम उठा सकें।

बुजुर्गों के लिए यह फैसला क्यों अहम है?

यह फैसला बुजुर्गों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक अहम पहल है। बुजुर्ग माता-पिता की स्थिति में सुधार लाने और उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए यह कानून अब और सख्त होगा।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का व्यापक असर

यह फैसला न केवल कानूनी दृष्टिकोण से, बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी एक बड़ा संदेश है। यह बच्चों को यह समझाने का प्रयास करता है कि माता-पिता की देखभाल उनकी जिम्मेदारी है, जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता।

Leave a Comment