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SBI और HDFC Bank ने दिया गिफ्ट, FD पर बढ़ा दिया ब्याज, जानें किसे होगा फायदा?

सुपर सीनियर सिटीजंस और बल्क डिपॉजिटर्स के लिए एसबीआई और एचडीएफसी ने ब्याज दरें बढ़ाकर निवेशकों को खुश कर दिया है। जानें, कौन-कौन सी नई सुविधाएं हैं और क्यों बाकी बैंक भी कर सकते हैं ब्याज दरों में बदलाव

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SBI और HDFC Bank ने दिया गिफ्ट, FD पर बढ़ा दिया ब्याज, जानें किसे होगा फायदा?
SBI और HDFC Bank ने दिया गिफ्ट, FD पर बढ़ा दिया ब्याज, जानें किसे होगा फायदा?

देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक SBI और निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी (HDFC) ने हाल ही में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की ब्याज दरों में संशोधन किया है। इस बदलाव का उद्देश्य अधिक ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करना और बचत योजनाओं को और अधिक लाभकारी बनाना है। दोनों बैंकों के इस कदम के बाद अन्य बैंक भी अपनी ब्याज दरों में संशोधन कर सकते हैं।

SBI ने सुपर सीनियर सिटीजंस के लिए बढ़ाया ब्याज

SBI ने एक नई पहल करते हुए 80 वर्ष और उससे अधिक आयु के सुपर सीनियर सिटीजंस के लिए एक अलग श्रेणी की शुरुआत की है। इस श्रेणी के तहत इन डिपॉजिटर्स को सीनियर सिटीजंस की तुलना में 10 आधार अंक (0.10%) अधिक ब्याज दर मिलेगी। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य वृद्ध ग्राहकों को बेहतर रिटर्न प्रदान करना है।

एसबीआई ने अपनी अन्य योजनाओं को भी फिर से संरचित किया है। अब ग्राहक अपने बचत लक्ष्य तय कर सकते हैं और उस लक्ष्य के अनुसार रिकरिंग डिपॉजिट (Recurring Deposit) का विकल्प चुन सकते हैं। यह कदम न केवल ग्राहकों को बचत के लिए प्रेरित करेगा बल्कि बैंक के लिए डिपॉजिट के बड़े हिस्से को आकर्षित करने में भी सहायक होगा।

HDFC ने बल्क डिपॉजिट पर बढ़ाई ब्याज दरें

HDFC बैंक ने अपने बल्क डिपॉजिट (₹5 करोड़ और उससे अधिक) की ब्याज दरों में 5 से 10 आधार अंकों तक संशोधन किया है। यह बदलाव उच्च-वित्तीय डिपॉजिटर्स को आकर्षित करने और प्रतिस्पर्धी दरें प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया है।

सूत्रों के अनुसार, एचडीएफसी बैंक ने यह कदम अन्य बैंकों के बराबर आने के लिए उठाया है। उच्च जमा दरों से उधार दरों की सीमांत लागत (MCLR) भी प्रभावित होती है, जिससे ऋण लागत में वृद्धि हो सकती है।

बैंकिंग क्षेत्र में दरों में बदलाव क्यों?

एसबीआई और एचडीएफसी द्वारा ब्याज दरों में यह बदलाव ऐसे समय में किया गया है जब देश में आरबीआई (RBI) से नीतिगत दरों में कटौती की मांग की जा रही है।

आरबीआई के हालिया आंकड़ों के अनुसार, बैंक जमा और बैंक ऋण दिसंबर 2024 के मध्य तक 11.5% की समान गति से बढ़ रहे थे। इस गति को बनाए रखने के लिए बैंक अपने डिपॉजिट और उधार योजनाओं में समय-समय पर बदलाव कर रहे हैं।

एसबीआई का यह निर्णय बैंकिंग क्षेत्र में इनोवेशन के साथ-साथ वृद्धावस्था के ग्राहकों के लिए अधिक लाभकारी योजनाएं प्रदान करने का संकेत देता है।

बैंक ऑफ बड़ौदा की तिमाही रिपोर्ट

दिसंबर 2024 को समाप्त तिमाही के लिए अपने आंकड़े घोषित करने वाला पहला बड़ा बैंक बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) है। बैंक के अनुसार, उसके ग्लोबल एडवांसेज और ग्लोबल डिपॉजिट में क्रमशः 11.7% और 11.8% की वृद्धि हुई है।

इस रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि देश के बैंकिंग क्षेत्र में बचत योजनाओं और ऋण योजनाओं में स्थिर वृद्धि हो रही है। अन्य बैंक भी अपने ग्राहकों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए अपनी ब्याज दरों में बदलाव कर सकते हैं।

भविष्य में क्या करेंगे अन्य बैंक?

एसबीआई और एचडीएफसी द्वारा ब्याज दरों में किए गए संशोधन के बाद अन्य बैंक भी अपने डिपॉजिट और उधार योजनाओं पर पुनर्विचार कर सकते हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि ये बदलाव ग्राहकों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं, क्योंकि प्रतिस्पर्धा के चलते बैंक उच्च ब्याज दरें और बेहतर सेवाएं प्रदान करने का प्रयास करेंगे।

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