भारत सरकार ने Toll Tax से संबंधित एक नई राहत योजना की घोषणा की है, जिससे वाहन चालकों को बड़ी राहत मिलने वाली है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इस विषय पर नई गाइडलाइन्स जारी की हैं, जिनके अनुसार कुछ विशेष शर्तों के तहत अब टोल टैक्स में छूट प्रदान की जाएगी।
Toll Tax Free की यह नई योजना वाहन चालकों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है। सरकार का यह कदम न केवल वित्तीय बचत करेगा, बल्कि देश के परिवहन और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा। GNSS तकनीक का विस्तार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में टोल टैक्स माफी जैसे निर्णय भारत के रोड नेटवर्क को विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में उठाए गए महत्वपूर्ण कदम हैं।
20 किलोमीटर तक की यात्रा पर टोल टैक्स माफ
सरकार के नए नियमों के तहत अब हाईवे या एक्सप्रेसवे पर 20 किलोमीटर तक की दूरी तय करने वाले निजी वाहन चालकों को टोल टैक्स नहीं देना होगा। यह निर्णय वाहन चालकों को वित्तीय राहत देने और यात्रा को सुगम बनाने के लिए लिया गया है। हालांकि, इस छूट का लाभ उठाने के लिए वाहनों में ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) का होना अनिवार्य है।
20 किलोमीटर से अधिक दूरी पर वास्तविक टोल शुल्क
यदि आपकी यात्रा की दूरी 20 किलोमीटर से अधिक है, तो टोल टैक्स आपकी वास्तविक यात्रा दूरी के आधार पर लिया जाएगा। यह व्यवस्था सरकार की ओर से देशभर में डिजिटल और ट्रांसपेरेंट सिस्टम को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई है। यह योजना विशेष रूप से उन वाहन चालकों के लिए फायदेमंद साबित होगी, जो छोटी दूरी की यात्रा करते हैं।
GNSS प्रणाली: क्या है और कैसे करेगा काम?
GNSS (ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम) एक अत्याधुनिक सैटेलाइट तकनीक है, जो वाहन की स्थिति और यात्रा की दूरी को ट्रैक करती है। यह तकनीक टोल प्लाज़ा पर लंबे समय तक रुकने की समस्या को समाप्त करेगी और वाहन चालकों को रियल-टाइम डेटा के आधार पर टोल शुल्क चुकाने की सुविधा प्रदान करेगी।
सरकार ने इस प्रणाली को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर दो नेशनल हाईवे पर लागू किया है:
- कर्नाटक के नेशनल हाईवे 275 (बेंगलुरु-मैसूर)
- हरियाणा के नेशनल हाईवे 709 (पानीपत-हिसार)
इसकी सफलता के बाद इसे पूरे देश में लागू करने की योजना है। यह कदम न केवल समय की बचत करेगा, बल्कि भारत के स्मार्ट ट्रांसपोर्ट सिस्टम को भी सशक्त बनाएगा।
उत्तर प्रदेश में महाकुंभ के मद्देनजर विशेष छूट
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रयागराज में जनवरी 2025 में होने वाले महाकुंभ को ध्यान में रखते हुए सात टोल प्लाज़ाओं पर 45 दिनों के लिए टोल टैक्स माफ करने का निर्णय लिया है। इस छूट का लाभ केवल निजी वाहनों को मिलेगा, जबकि वाणिज्यिक और भारी वाहनों को टोल शुल्क देना होगा। यह निर्णय यात्रियों की सुविधा और महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
प्रमुख टोल प्लाज़ा जहां छूट दी गई है:
- चित्रकूट राजमार्ग पर उमापुर टोल प्लाज़ा
- अयोध्या राजमार्ग पर मऊआइमा टोल
- लखनऊ राजमार्ग पर अंधियारी टोल
- मीरजापुर मार्ग पर मुंगारी टोल
- वाराणसी मार्ग पर हंडिया टोल
- कानपुर मार्ग पर कोखराज टोल
डिजिटल इंडिया और परिवहन में बड़ा कदम
सरकार का यह निर्णय डिजिटल इंडिया को मजबूत बनाने और परिवहन व्यवस्था को और अधिक डिजिटल और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक अहम कदम है। GNSS प्रणाली के माध्यम से टोल टैक्स की स्वचालित गणना न केवल भ्रष्टाचार को कम करेगी, बल्कि यात्रा के अनुभव को भी बेहतर बनाएगी। इस पहल से भारत के हाईवे नेटवर्क को अधिक स्मार्ट और एडवांस बनाने की योजना है।
1. Toll Tax Free योजना क्या है?
Toll Tax Free योजना के तहत 20 किलोमीटर तक की यात्रा करने वाले निजी वाहनों को टोल टैक्स नहीं देना होगा। इसके लिए GNSS तकनीक का इस्तेमाल अनिवार्य है।
2. GNSS तकनीक क्या है और यह कैसे काम करती है?
GNSS (ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम) एक सैटेलाइट-आधारित तकनीक है जो वाहन की लोकेशन और यात्रा की दूरी को ट्रैक करती है। इसके जरिए रियल-टाइम डेटा के आधार पर टोल टैक्स की गणना की जाती है।
3. 20 किलोमीटर से अधिक दूरी की यात्रा पर क्या टोल शुल्क लगेगा?
20 किलोमीटर से अधिक यात्रा करने पर वाहन चालकों को उनकी यात्रा की वास्तविक दूरी के आधार पर टोल शुल्क देना होगा।
4. उत्तर प्रदेश में कौन-कौन से टोल प्लाज़ा पर छूट मिलेगी?
उत्तर प्रदेश में सात प्रमुख टोल प्लाज़ाओं पर 45 दिनों के लिए टोल टैक्स माफ किया गया है, जिनमें उमापुर, मऊआइमा, अंधियारी, मुंगारी, हंडिया और कोखराज टोल शामिल हैं।
5. यह योजना कब और कहां लागू होगी?
यह योजना फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कर्नाटक और हरियाणा के दो हाईवे पर लागू की गई है। सफलता के बाद इसे देशभर में लागू किया जाएगा।
6. क्या यह छूट वाणिज्यिक वाहनों को भी मिलेगी?
नहीं, यह छूट केवल निजी वाहनों के लिए लागू है। वाणिज्यिक और भारी वाहनों को सामान्य टोल शुल्क देना होगा।
7. GNSS प्रणाली से क्या लाभ होंगे?
GNSS प्रणाली टोल टैक्स की प्रक्रिया को स्वचालित और पारदर्शी बनाएगी, समय की बचत करेगी, और भ्रष्टाचार को कम करेगी।
8. सरकार की इस योजना का उद्देश्य क्या है?
इस योजना का उद्देश्य परिवहन को डिजिटल और स्मार्ट बनाना, यात्रियों को राहत प्रदान करना, और भारत के हाईवे नेटवर्क को विश्वस्तरीय बनाना है।