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UP में बन रहा 71Km लंबा नया एक्सप्रेसवे! जमीन का मिलेगा करोड़ों रुपया, जानें

71 किलोमीटर लंबा, 4-लेन का यह हाई-स्पीड एक्सप्रेसवे यमुना और ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे को जोड़ेगा। तेज और सुरक्षित यात्रा के साथ क्षेत्रीय विकास को देगा नई उड़ान। जानें, कैसे बदलेगा यह प्रोजेक्ट यूपी और हरियाणा का भविष्य

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UP में बन रहा 71Km लंबा नया एक्सप्रेसवे! जमीन का मिलेगा करोड़ों रुपया, जानें
UP में बन रहा 71Km लंबा नया एक्सप्रेसवे! जमीन का मिलेगा करोड़ों रुपया, जानें

उत्तर प्रदेश का नया एक्सप्रेसवे राज्य के बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला है। यह नया मार्ग अलीगढ़ के टप्पल में यमुना एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा और पलवल में ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे के इंटरचेंज से मिलेगा। इससे नोएडा और गुरुग्राम के बीच यात्रा बेहद सरल और तेज़ हो जाएगी। इस एक्सप्रेसवे के माध्यम से कई प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों (National Highways) को जोड़ा जाएगा, जिससे क्षेत्र की कनेक्टिविटी और भी बेहतर हो जाएगी।

एक्सप्रेसवे की लंबाई और लेन

यह नया एक्सप्रेसवे लगभग 71 किलोमीटर लंबा होगा और इसे 4-लेन के रूप में विकसित किया जा रहा है। सरकार ने इसे भविष्य में 6-लेन तक विस्तारित करने का भी प्रावधान रखा है। यह पूरी तरह से एक्सेस कंट्रोल्ड (Access Controlled) होगा, जिससे यातायात सुरक्षित और तेज़ होगा।

यात्री इस एक्सप्रेसवे पर बिना किसी बाधा के तेज गति से यात्रा कर सकेंगे। एक्सेस कंट्रोल्ड लेन के कारण दुर्घटनाओं की संभावना भी कम होगी, जिससे यह न केवल तेज बल्कि सुरक्षित यात्रा का भी विकल्प बनेगा।

कनेक्टिविटी और क्षेत्रीय विकास

यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे (Eastern Peripheral Expressway) से जुड़ने के कारण यह एक्सप्रेसवे दिल्ली-एनसीआर के साथ-साथ उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों को सीधा जोड़ेगा। इससे यात्रा का समय कम होगा और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा।

इसके अलावा, यह एक्सप्रेसवे ग्रामीण इलाकों और छोटे शहरों को मुख्यधारा से जोड़ने में भी अहम भूमिका निभाएगा। इससे ग्रेटर अलीगढ़ (Greater Aligarh) और आस-पास के क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी और बुनियादी ढांचे का विकास तेज़ होगा।

परियोजना की लागत और समय सीमा

हालांकि इस परियोजना की अनुमानित लागत और समाप्ति की समय सीमा का अभी तक सार्वजनिक रूप से खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन सरकार ने इसे जल्द से जल्द पूरा करने का संकल्प लिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक्सप्रेसवे न केवल क्षेत्रीय बल्कि राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेगा।

लाभ और प्रभाव

इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से निम्नलिखित प्रमुख लाभ होंगे:

  • यात्रा का समय कम होगा: नोएडा और गुरुग्राम जैसे प्रमुख शहरों के बीच यात्रा का समय काफी हद तक कम हो जाएगा।
  • आर्थिक विकास: इस परियोजना से जुड़े गांवों और छोटे शहरों में निवेश के अवसर बढ़ेंगे, जिससे आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी।
  • बुनियादी ढांचे का विकास: एक्सप्रेसवे से जुड़े क्षेत्रों में सड़कें और अन्य बुनियादी ढांचे का उन्नयन होगा।
  • पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव: तेज और बाधारहित यात्रा से ईंधन की खपत कम होगी, जिससे पर्यावरण पर दबाव घटेगा।

एमपी के नए एक्सप्रेसवे की झलक

इससे पहले मध्य प्रदेश (MP) में भी एक बड़ी एक्सप्रेसवे परियोजना पर काम शुरू हो चुका है। 1200 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे राज्य के 11 जिलों को जोड़ेगा और इसकी अनुमानित लागत 31,000 करोड़ रुपए होगी।

यूपी का नया एक्सप्रेसवे: आने वाले बदलाव

यूपी में इस नए एक्सप्रेसवे के माध्यम से सरकार बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और यात्रा को तेज, सुरक्षित और सुगम बनाने के प्रयास में है। इसके बन जाने से ना सिर्फ बड़े शहर बल्कि ग्रामीण क्षेत्र भी विकास की नई ऊंचाइयों को छू पाएंगे।

1. यह एक्सप्रेसवे किन शहरों को जोड़ेगा?
यह एक्सप्रेसवे अलीगढ़ के टप्पल को यमुना एक्सप्रेसवे से और पलवल को ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा।

2. इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई कितनी होगी?
इसकी कुल लंबाई 71 किलोमीटर होगी।

3. क्या यह एक्सप्रेसवे भविष्य में विस्तारित किया जा सकता है?
हाँ, यह 4-लेन का होगा जिसे भविष्य में 6-लेन तक विस्तारित किया जा सकता है।

4. इस परियोजना की लागत कितनी है?
परियोजना की लागत का अभी तक खुलासा नहीं किया गया है।

5. यह एक्सप्रेसवे किस प्रकार से यात्रा को सुरक्षित बनाएगा?
यह पूरी तरह से एक्सेस कंट्रोल्ड होगा, जिससे यातायात में बाधाएं कम होंगी और दुर्घटनाओं की संभावना घटेगी।

6. इस एक्सप्रेसवे से कौन-कौन से लाभ होंगे?
यात्रा का समय कम होगा, आर्थिक विकास होगा, और बुनियादी ढांचे में सुधार होगा।

7. यह कब तक पूरा होगा?
सरकार ने इसे जल्द से जल्द पूरा करने का संकल्प लिया है, लेकिन समय सीमा अभी तय नहीं है।

8. क्या यह परियोजना क्षेत्रीय विकास में मदद करेगी?
हाँ, यह ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों को जोड़ने में मदद करेगा और आर्थिक विकास को गति देगा।

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